Govardhan Puja हिन्दू संस्कृति में मनाया जाने वाला पर्व है जो दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है| इस दिन गोवेर्धन पर्वत की पूजा की जाती है| लेकिन क्या आप जानते है इसे क्यों मनाया जाता है? कृष्ण जी की ही पूजा क्यों की जाती है? इस पूजा में क्या होता है और कैसे किया जाता है? आगे आपको इन्ही सब प्रश्नो के जवाब मिलने वाले है| तो चलिए शुरू करते है|
Govardhan Puja 2023
जैसे की आपको पहले बताया की ये एक हिन्दू धर्म की पूजा है जो दिवाली के बाद अगले दिन ही किया जाता है| इस वर्ष 2023 में गोवेर्धन पूजा 13 November को है| गोवर्धन पूजा पांच दिन चलने वाला दीपोत्सव में से ही एक है| यह पर्व कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष के पहले दिन आता है| यानि की प्रतिपदा के दिन होता है| इस दिन कृष्ण भगवन के बाल स्वरुप की पूजा की जाती है| पूजा करने के लिए गाय के गोवर की प्रतिमा बनाकर की जाती है जिसे गोवेर्धन देव कहते है|
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गोवेर्धन पूजा की कथा
यह पूजा एक कथा से जुड़ा हुआ है जो कृष्ण भगवन की बालपन की है| यदि कृष्ण की कहानी सुनी या देखि है तो आपको पता होगा की उनका बालपन वृन्दावन में ही गुजरा है जो एक गाँव है| गाँव के लोग खेती पर ही निर्भर रहते है| और इसके लिए वर्षा की आवश्कयता होती है|
देवों में उच्च मने जाने वाले इंद्रा देव जो स्वर्ग के राजा भी कहे जाते है| हर साल वृन्दावन के लोग बारिश के लिए उनकी पूजा करते थे| यह सब देख कर इंद्रा देव को घमंड होने लगा| जब ये बात कृष्ण को पता चली तो उनके मन में इंद्रा देव का घमंड तोड़ने के लिए विचार आया| कृष्णा भगवन ने एक लीला रची|
वृन्दावन के सभी लोगो से कृष्णा ने कहा की इस गाँव में सभी गाय बकरी और अन्य पशुवो को हरा-भरा घास मिलता है| यह भूमि जहाँ अच्छी फसल होती है| यह जगह जो हमेशा सुहाना होता है| इन सभी का कारण यह गोवर्धन पर्वत है| इसी पर्वत की वजह से हमें इतनी चीजे मिलती है| हम सभी गाँव वासियो को इस पर्वत की पूजा करनी चाहिए| कृष्ण की यह बात सुनकर सब को विश्वास हो गया ही ये सब इसी पर्वत की कृपा है और लोग पूजा करने के लिए तैयार हो गए| और गोवर्धन पर्वत के पूजा की तैयारी शुरू कर दी|
पूजा की तैयारियां देख कर इंद्रा देव को गुसा आ गया और वो तेज बारिश तथा तूफान शुरू कर दिए| यह बारिश इतनी तेज थी की सभी घर पानी से भरने लगा और यमुना नदी का पानी भी गाँव में आने लगा| सभी लोग डरने लगे, तभी कृष्ण ने कहा की जैसे ये पर्वत हमें मदद करते आ रही है वैसे ही आज भी इस बारिश से यह पर्वत ही बचायेगी| लेकिन बात यह थी की यह पर्वत के से सब को सुरक्षा प्रदान करेगी?
कृष्ण ने सभी को इस बारिश से बचने के लिए Govardhan Parvat के नजदीक गए और उसे उठाने की कोशिश करने लगे| ये देख कर सभी लोग उनके साथ पर्वत को उठाना शुरू कर दिया| धीरे धीरे पर्वत उठने लगा और कृष्णा भगवन ने इस पर्वत को अपने कनिष्ट पे थम लिए| सभी गांव वासी इसके निचे रुके| इंद्रा का प्रकोप कुल सात दिन तक चला| लेकिन धीरे-धीरे उनका घमंड काम होने लगा| वो निचे आकर कृष्ण से माफ़ी मांगी| तभी से इस पर्वत को पूजा जाने लगा और उसे गोवर्धन पूजा के नाम से जाना जाने लगा|
Govardhan Pooja Vidhi
मान्यता है कि इस दिन गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं| इसलिए लोग खाद्य पदार्थ का प्रयोग कर घर पर ही गोवर्धन पर्वत, गाय,बैल, पेड़ की आकृति बनाते हैं और उन्हें भगवान श्री कृष्ण का अवतार मानकर उनकी पूजा करते हैं| अधिकतर लोग Govar ke Goverdhan बनाकर पूजा करते है| इस दिन गाय, बैल, भैंस जैसे पशुओं को स्नान कराकर फूल माला, धूप, चन्दन आदि से उनका पूजन किया जाता है| गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर जल, मौली, रोली, चावल, फूल, दही और तेल का दीपक जलाकर पूजा करते है और परिक्रमा करते हैं|
Govardhan Puja Wishes in Hindi
Govardhan Puja Quotes
कृष्ण की शरण में आकर
भक्त नया जीवन पाते है
इसलिए गोवर्धन पूजा का दिन
हम सच्चे मन से मनाते है
हैप्पी गोवर्धन पूजा
प्रेम से जपो कृष्ण का नाम,
पूरे होंगे सारे अधूरे काम,
आज काम न करना कोई दूजा,
आज तो करना है गोवर्धन पूजा
Govardhan Puja Shayari
हर ख़ुशी आपके द्वार आए
जो आप मांगे उससे अधिक पाए
गोवर्धन पूजा में कृष्ण गुण गाये
ओर ये त्यौहार ख़ुशी से मनाए
गोवर्धन पूजा की शुभकामना
चन्दन की खुशबू,
रेशम का हार धुप की सुगंध,
दीयों की फुहार दिल की उम्मीदें,
अपनों का प्यार मंगलमय हो
आपके लिए गोवर्धन पूजा का ये त्यौहार
Govardhan Puja Images
🙂 Happy Govardhan Puja 🙂
गोवर्धन पूजा से जुड़े कुछ सवाल और जवाब
:: गोवर्धन पूजा क्यो मानते है?
🙂 इस दिन भगवन कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपने कनिष्ट ऊँगली पर उठाकर वृन्दावन के लोगो को भरी बारिश और तूफान से बचाया था|
:: किस भगवन की पूजा गोवर्धन पूजा में की जाती है?
🙂 गोवर्धन पर्वत और गौ माता की पूजा की जाती है|
:: गोवर्धन पूजा कब है?
🙂 13 Nov 2023